सभी को खलता है मेरा बड़ा होना,
गुनाह है क्या अपने आप मेरा खड़ा होना।
गुनाह है क्या अपने आप मेरा खड़ा होना।
इश्क मोहब्बत क्या है मुझे नही मालूम, बस उसकी याद आती है और खडा हो जाता है। एक बार नहीं सौ बार ये दिल टूटा; पर चोदने का शौक साला फिर भी ना छूटा।
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याद है वो सुहानी मुलाकात,
पहले हाथ मिलाया फिर दिल मिले,
फिर नंगे हुए और खूब हिले।
पहले हाथ मिलाया फिर दिल मिले,
फिर नंगे हुए और खूब हिले।
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